bhul ja
ए दिल भूल जा उसे ,
जो तुझे भूल गया
जाने छोड़ा हाथ उसने ,
या छूट गया
दुख इस बात का था ,
वो आगे बढ़ गया
जाने थी क्या मजबूरी ,
क्यों चूनी उसने दूरी
जाने कौनसी कमी थी
जो हो ना सकी पूरी
पर सच अब यही है ,
कि वो अब नहीं है
टूटा हुआ काँच कभी ,
जोड़ा नहीं जाता
सचाई से मुँह यूँ
मोड़ा नहीं जाता
अगर वो होता मेरा
तो छोड़ कर क्यों जाता
जीवन का सच
तो यही है
ज़िन्दगी की रेल गाड़ी में
कई मुसाफिर मिलते है
रास्ता एक होने पर
वो साथ हमारे चलते है
मंज़िल अपनी आने पर
अलविदा कह निकलते हैं
सिर्फ वक़्त गुज़ारने की खातिर
वो दो बातें करते हैं
हम उन कुछ लम्हो को
प्यार समझ लेते हैं
फिर उनके चले जाने पर
तन्हा महसूस करते हैं
मुझे माफ़ करना ,
अर्ज़ "दीपाली " की याद रखना
प्यार आजकल दिल से नहीं
दिमाग से होता है
कहीं जरुरत ए तन
तो कही प्यार जायदाद से होता है
Nice, real words
ReplyDeleteGood. Very nicely written
ReplyDeleteThanks all of u
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ReplyDeleteU hv become a great poet... kya bat hai... gd gng😘😘
ReplyDeletenice
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteTamanna ne zindgagi k daman mai sir rakh kr kha,Mai Puri kab houngi.
ReplyDeleteZindagi has kr boli,jo Puri ho jaye vo tamanna he kya
Tamanna ne zindagi k daman mai sir rakh kr kha,Mai Puri kab houngi.
ReplyDeleteZindagi has kr boli,jo Puri ho jaye vo tamanna he kya
Very beautiful jnaab
ReplyDeleteAwesome 👌
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