Mujhe kuch krke dikhana hai

मुझे  कुछ  कर  के  दिखाना  है 

कुछ करने की है  इच्छा 
ना  जाने  क्या बुरा  क्या  है  अच्छा 
कुछ करना है  ये ठाना  है 
कुछ बनके  मुझे   दिखाना  है 
रास्ता  थोड़ा  कठिन  है  ये  माना 
पर  मुझे  इसके  पार  है  जाना 

बहुत  ठोकरे  खाई  है ज़िन्दगी में 
तब यहाँ  तक  हुँ  आई  ज़िन्दगी में 
अब  खुद  को नई  बुलंदी  तक  पहुँचाना  है 
मुझे  कुछ करके  दिखाना  है 
बेटी  हो  कर  बेटे   का  फ़र्ज़  निभाना  है 
मुझे  कुछ करके   दिखाना   है 
चाहे  मेरी  मंज़िल  दूर  है 
पहुँचना  तो एक  दिन  जरूर  है 
मुश्किलो  से  नहीं  अब  घबराना  है 
मुझे  कुछ करके    दिखाना  है 

क़र्ज़  अपने  शिक्षकों  का  चुकाना  है 
मुझे कुछ करके  दिखाना  है 
गलत  मत  समझना   इस  क़र्ज़  को 
मेरी  बातो  की इस तर्ज़  को 
ये  क़र्ज़  रूपए  पैसे  का नहीं 
बल्कि  उस तालीम  का है  
जो  दी  मुझे  उन  शिक्षकों  ने 
ये  शिक्षक  मिले  मुझे  कई  रूपों  में 
कई  रिश्तो  के स्वरूपों  में 
कभी  बहन  तो कभी  भाई  
कभी भुआ  तो  कभी  ताई   
किताबे  पढ़ना  सिखाया  स्कूलों  ने 
ज़िन्दगी   पढ़ना  सिखाया  इन  शिक्षकों  ने 
इनका  भी  मान  बढ़ाना  है 
मुझे  कुछ करके  दिखाना   है 
 

Comments

  1. Beautifully defined the determination to achieve the success facing all problems also showing the indebtedness toward the person's in any manner who helped to achieve the success

    ReplyDelete
  2. Really good. Nice, keep it up and I am sure you will write a Better future with His Grace.

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

beti ka dard

Mera parichey

Mai badal jaunga