yaad

वो कहते  हैं
                हम उन्हें याद  नहीं करते
हमने कहा
               याद उसे  किया  जाता  है
जिसे  हम  भूल  जाए
पर दोस्तों  को  यूँ  भुलाया  नहीं  करते
माना  ज़िन्दगी  ने उलझाया  कुछ  इस  कदर
कि  बात  अपनी  हो  ना   सकी
पर ये  कैसे  सोच लिया   आपने
कि  आपकी  याद  हमारे   दिल  से  न  गुज़री
हुज़ूर  दोस्ती की  है  आपने
तो  निभाइए  आप  भी
कभी  याद  हम  करें
और कभी  याद कीजिये   आप  भी
सलाम  हमारा  जो  ना  आए
तो  सलाम  भिजवाइए  आप  भी
अगर  बात मेरी  करते हो  तो
मेरी याद में  तो  वो  रिश्ते  भी ताज़ा  हैं
जिन्हे  सिर्फ एक  मुसकान  ने  साजा  है
फिर  तुम्हे  कैसे  भूल सकती हूँ
जिससे  दिल  के कुछ  राज़  भी  मैने  खोले  हैं
कुछ  ठाहके  भी  मैने  बांटे  हैं
कुछ  आँसू  भी  कभी  छलकाए  होंगे
फिर भी  तुम्हारी नज़र में  नाजाने  क्यों हम  पराए  हैं
ऐ  दोस्त मेरी  दोस्ती ,तोहफों  से  नहीं  बिकती
बल्कि  दोस्त की मुस्कुराहटों  से  बिकती  है


उम्मीद  है शिकायत  तुम्हारी  दूर हुई होगी
दोस्ती  हमारी  तुम्हे  कुबूल हुई होगी





Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

beti ka dard

bhul ja

Meri dosti