hum kisi se kam nahi

हम  किसी  से कम नहीं


हम सबको  बनाया  मालिक  ने
कुछ  खूबियों से  कुछ कमियों  से
पूरा  तो  दुनिया  में  कोई  नहीं
सिवाय  उस  बनाने  वाले  के

फिर  क्यों  एक  इंसान, इंसान से डरे
क्यों  कोई किसी से बैर  करे
हर  एक  में  कोई  तो  खूबी  है
वो  ढूंढे  वही  हर इंसान में
लेकिन ये भी तो सच है कि
एक  जैसा नहीं  कोई  इस  जहां  में

दो  संताने  इकलौती  माँ  की  भी
एक  जैसी  कभी  नहीं  होती
कोई  गरम  कोई सर्द  है  स्वभाव  से
कोई  जी  रहा  किसी आभाव   से

हालात  अलग  है,खयालात  अलग हैं
तजरबे  अलग है , जज़बात  अलग  हैं
हर  एक  इंसान की  कद्र  करो
क्योंकि  हर  एक के  किसमत  और  किरदार  अलग  हैं

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