khuda hafiz
खुदा हाफिज
जा रहा है तो जा ए दोस्त
मैं तुझे रोकूँगा नहीं
मगर याद रख
कोई तेरे लौटने की राह तक रहा होगा
हर हाल में तेरी मेहफूसियत की
दुआ कर रहा होगा
अच्छा होता जो तू बता देता
अपने जाने की वजह
ये मज़बूरी ही है ,
कहीं कोई गिला तो नहीं
पर अफ़सोस है इस बात का
तूने मुझे इस काबिल समझा ही नहीं
यूँ तो हमने एक लम्बा अरसा साथ बिताया था
फिर भी मुझे तू कहाँ जान पाया
शायद मेरे नसीब में तेरा इतना ही साथ हो
यही दुआ करता हूँ कि
तू जहाँ भी रहे , खुश और आबाद हो
जा रहा है तो जा ए दोस्त
मैं तुझे रोकूँगा नहीं
मगर याद रख
कोई तेरे लौटने की राह तक रहा होगा
हर हाल में तेरी मेहफूसियत की
दुआ कर रहा होगा
अच्छा होता जो तू बता देता
अपने जाने की वजह
ये मज़बूरी ही है ,
कहीं कोई गिला तो नहीं
पर अफ़सोस है इस बात का
तूने मुझे इस काबिल समझा ही नहीं
यूँ तो हमने एक लम्बा अरसा साथ बिताया था
फिर भी मुझे तू कहाँ जान पाया
शायद मेरे नसीब में तेरा इतना ही साथ हो
यही दुआ करता हूँ कि
तू जहाँ भी रहे , खुश और आबाद हो
This shows how much love, affection and best wishes the author has for his friend
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