Mai badal jaunga

मै  बदल  जाऊँगा 







बदलना  चाहता  हूँ  मैं
ढलना  चाहता  हूँ  मैं
तेरे  रंग में  ही  तो  रंगना  चाहता  हूँ   मैं
पर  मुझे  वक़्त  तो  दो



समझता  हूँ   मै    तुम्हारे  प्यार  को
तुम्हारे  गुस्से  के भी  अंदाज़  को
तुम्हारे  आँसू  भरी  इस  आवाज़  को
 सब  समझता  हूँ  मैं
मगर  वक़्त  तो दो


पौधा   क्षण   में  पेड़     होता  नहीं
बच्चा  पल  में  बड़ा  होता  नहीं
मैं  भी  बदल  जाऊँगा
मगर  वक़्त  तो  दो 

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