hum ladengae

हम  लड़ेंगे

ना  रुकेंगे  ,ना  झुकेंगे
ना रोएंगे  ,ना  सोएंगे
बस  आगे  बढ़ते   चलेंगे

माना  दर्द ज्यादा  है
पर जीतने का  इरादा  है
मन  थोड़ा भरा  है
पर  धीरज हमने  धरा  है

गम  के अँधेरे  चीर  जाएँगे
ये दिन भी अपने बदल जाएँगे
जो  ठाना   है  वो  पाएँगे
बादल  बन छा  जाएँगे

हर  रात  के  बाद  जो  सवेरा  है
फिर  क्यू  इस  गम  ने  घेरा  है
गम  अपना  ही  ताकत बनालेंगे
हम  हालातों  को  भी  हरा  देंगे

शांत समुन्दर तो पार हो ही जाते  हैं
माझी  वो  जो तूफानों  में  भी
मंज़िल तक पहुँच  जाते  हैं 

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