hum ladengae
हम लड़ेंगे
ना रुकेंगे ,ना झुकेंगे
ना रोएंगे ,ना सोएंगे
बस आगे बढ़ते चलेंगे
माना दर्द ज्यादा है
पर जीतने का इरादा है
मन थोड़ा भरा है
पर धीरज हमने धरा है
गम के अँधेरे चीर जाएँगे
ये दिन भी अपने बदल जाएँगे
जो ठाना है वो पाएँगे
बादल बन छा जाएँगे
हर रात के बाद जो सवेरा है
फिर क्यू इस गम ने घेरा है
गम अपना ही ताकत बनालेंगे
हम हालातों को भी हरा देंगे
शांत समुन्दर तो पार हो ही जाते हैं
माझी वो जो तूफानों में भी
मंज़िल तक पहुँच जाते हैं
ना रुकेंगे ,ना झुकेंगे
ना रोएंगे ,ना सोएंगे
बस आगे बढ़ते चलेंगे
माना दर्द ज्यादा है
पर जीतने का इरादा है
मन थोड़ा भरा है
पर धीरज हमने धरा है
गम के अँधेरे चीर जाएँगे
ये दिन भी अपने बदल जाएँगे
जो ठाना है वो पाएँगे
बादल बन छा जाएँगे
हर रात के बाद जो सवेरा है
फिर क्यू इस गम ने घेरा है
गम अपना ही ताकत बनालेंगे
हम हालातों को भी हरा देंगे
शांत समुन्दर तो पार हो ही जाते हैं
माझी वो जो तूफानों में भी
मंज़िल तक पहुँच जाते हैं
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ReplyDeleteThanks ji
DeleteGood to see your writing after a long time. You have shown your determination to achieve the targets besides so many obstacles
DeleteKEEP IT UP
DeleteNyc poem
ReplyDeleteNyc
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