तसवीर

तसवीर

तसवीर  को  तुम्हारी
सीने   से  लगाए  रहते   हैं
प्यार  बहुत  सारा  पलकों  में  छुपाए  बैठे  हैं
कभी  हुआ  सामना  तो  बताएंगे  तुम्हे
क्या  क्या   अरमान  दिल  में  दबाए  बैठे  हैं

तसवीर  से  ही  तुम्हारी   बातें  किया  करते हैं
उसी  से  झगड़ और  लिपट  लिया  करते  हैं
तुम्हे  तो  हमारे   लिए  फुरसत  कहाँ
 हम  तसवीर  से ही  रूठ  और  मान  जाया  करते  हैं

यूँ  तो  तसवीर  की   तुम्हारी
 मुझे जरुरत  नहीं  है
किसी  को भूल जाना  मेरी  फितरत  नहीं  है
तुम   तो  दिल  में  बसे  हो  इस  तरह
तुम्हे  भूल  जाउँ  ये  मुनकिन  नहीं है

गुज़ारिश  है  एक  तुमसे
 सुनो  कान  लगा  के
मत  आना  सामने   बिना  इत्तिलाह  के
 ख़ुशी  से ना   मर  जाऊँ 
कहीं  तुमको  पाके  

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