budapa

बुढ़ापा

बुढ़ापा  होता  है  बड़ा  सयापा
क्योंकि  इंसान  खोता  इसमें  आपा
कम  ही  सोता  कम  ही  खाता
लेकिन  बस  है  बोलता जाता
चला  भी  इससे  कहाँ  है  जाता
शारीरिक  बल  कम  हो  जाता
दिन में सो कर, समय  बिताता
रातों  को सबको फिरे  जगाता
खुद  तो  कुछ हो  नहीं  पाता
किसी  का  किया  भी  इसे  नहीं  भाता
फिर  ये  है  उस  पर  है  चिल्लाता
अब  वो  कहाँ  किसी  से  सुना  जाता
चाहे  हो अपने  पिता  माता
इससे  घर  है  टूट  जाता
इसका  हल  यही  समझ  आता
ज़िन्दगी में  करो  सभी  काम
खाना  पीना  और आराम
शरीर  का  ऐसा  रखो  ध्यान
कि  बुढ़ापे  में  भी  रहो  जवान


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