DO DHARI TALWAR

दो  धारी  तलवार

ये  ज़िन्दगी  जाने  मुझसे  क्या  चाहती  है
जो भी करलूँ , कुछ और ही मांगती  है

नौकरी करू..... तो  घर  संभालना  पहले आना  चाहिए
घर  पे रहलो। ...... नौकरी   पर  जाना  चाहिए
किसी की उलटी  बात पे जवाब देदो.... तो बात  करने की तमीज़  नहीं है
किसी  की  बात का जवाब  नहीं दिया। .... तो तेहज़ीब  नहीं  है
 अगर   कुछ बोल दिया....  तो   ज्यादा नहीं   बोलना   चाहिए
चुप रहे  .... तो  इतने गंभीर  भी  नहीं होना चाहिए
घर  में रहो। ...  बाहर  निकलते  ही  नहीं
दुनियादारी  कैसे  समझोगे ?
 बाहर  निकलने  लगो  तो
घर  को  कौन  संभालेगा ?


ये  दुनिया   है  तलवार दो  धारी
इसको  सुना  तो  ख़ुशी  जाएगी  मारी
अगर  खुश रहना  तो खुद  की सुनो
दुनिया  को  ठोकर  मारो
और  खुलके  जियो 

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