HIND DI CHADDAR
हिन्द दी चादर
सिख पंथ के नवे गुरु, श्री गुरु तेग बहादुर
सारा जगत करता जिनका आदर
हिंदु धर्म की रक्षा के लिए
दिया बलिदान चांदनी चौंक जाकर
कश्मीरी पंडितों ने औरंगज़ेब से जान बचाकर
जब मांगी सहायता आनंदपुर साहेब जाकर
बोले गुरूजी ,
"बचेगा धर्म तुम्हारा किसी महपुरुष की बलिदान पाकर
ये सब सुनकर बाल गोबिंद बोले मुस्कुराकर
"आपसे बड़ा कौन बली है ,इस संसार में ठाकुर
आप ही इनका धर्म बचाओ ,शीश अपना चढ़ाकर "
बेटे की बात सुनकर पिता तेग बहादुर खुश हुए
पर परख बेटे की करने हेतु ,
सवाल पूछा पास बिठाकर
जो मै चला गया तो तु अनाथ हो जाएगा
पिता फिर किसे बुलाएगा
बड़े साहस से भरकर बाल गोविन्द बोले
घर लाखों के बसाने के लिए
मुझे अनाथ होना भी है कुबुल
और औरंगज़ेब के मंसूबो को करदो चखना चूर
इस तरह एक बेटे ने बचाया हिंदु धर्म
पिता अपना गवाकर
और तेग बहादुर कहलाए इस तरह " हिन्द दी चादर "
सारे उनको नमन करो ,अपना शीश झुकाकर
सिख पंथ के नवे गुरु, श्री गुरु तेग बहादुर
सारा जगत करता जिनका आदर
हिंदु धर्म की रक्षा के लिए
दिया बलिदान चांदनी चौंक जाकर
कश्मीरी पंडितों ने औरंगज़ेब से जान बचाकर
जब मांगी सहायता आनंदपुर साहेब जाकर
बोले गुरूजी ,
"बचेगा धर्म तुम्हारा किसी महपुरुष की बलिदान पाकर
ये सब सुनकर बाल गोबिंद बोले मुस्कुराकर
"आपसे बड़ा कौन बली है ,इस संसार में ठाकुर
आप ही इनका धर्म बचाओ ,शीश अपना चढ़ाकर "
बेटे की बात सुनकर पिता तेग बहादुर खुश हुए
पर परख बेटे की करने हेतु ,
सवाल पूछा पास बिठाकर
जो मै चला गया तो तु अनाथ हो जाएगा
पिता फिर किसे बुलाएगा
बड़े साहस से भरकर बाल गोविन्द बोले
घर लाखों के बसाने के लिए
मुझे अनाथ होना भी है कुबुल
और औरंगज़ेब के मंसूबो को करदो चखना चूर
इस तरह एक बेटे ने बचाया हिंदु धर्म
पिता अपना गवाकर
और तेग बहादुर कहलाए इस तरह " हिन्द दी चादर "
सारे उनको नमन करो ,अपना शीश झुकाकर
Comments
Post a Comment