PUSTAK BECHNE VALI
पुस्तक बेचने वाली
मेरे घर की घंटी बजी
बाहर निकली तो मिली एक लड़की सजी धजी
वो बोली मुझसे दीदी बात सुनो मेरी
देखो ये पुस्तक ,लोंच की कम्पनी ने मेरी
उसने पुस्तक की तारीफ में कुछ पंक्तिया जड़ी
और अपनी बिल बुक मेरी हथेली पे धरी
बोली बहुत लोगो ने इससे खरीदने को हाँ करी
अब ये आखरी पुस्तक ही मेरे पास पड़ी
इसको खरीदलो आज सस्ती है बड़ी
मै दाम लगा रही बाजार से आधा
आज ना खरीदी ,तो मेहेंगी पड़ेगी बहुत ज्यादा
ये दाम सिर्फ आज के लिए है
बहुत अच्छी ये ज्ञान के लिए है
मैंने कहा
मेरा अभी पुस्तक खरीदने का विचार नहीं है
तुमसे पहले भी दस लोग आए थे
ये कोई पहली बार नहीं है
😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊
मेरे घर की घंटी बजी
बाहर निकली तो मिली एक लड़की सजी धजी
वो बोली मुझसे दीदी बात सुनो मेरी
देखो ये पुस्तक ,लोंच की कम्पनी ने मेरी
उसने पुस्तक की तारीफ में कुछ पंक्तिया जड़ी
और अपनी बिल बुक मेरी हथेली पे धरी
बोली बहुत लोगो ने इससे खरीदने को हाँ करी
अब ये आखरी पुस्तक ही मेरे पास पड़ी
इसको खरीदलो आज सस्ती है बड़ी
मै दाम लगा रही बाजार से आधा
आज ना खरीदी ,तो मेहेंगी पड़ेगी बहुत ज्यादा
ये दाम सिर्फ आज के लिए है
बहुत अच्छी ये ज्ञान के लिए है
मैंने कहा
मेरा अभी पुस्तक खरीदने का विचार नहीं है
तुमसे पहले भी दस लोग आए थे
ये कोई पहली बार नहीं है
😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊
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