Sambandh

संबंध

कुछ बन  जाते हैं
कुछ बनाए  जाते  है
कहने  को  तो रिश्ते  बहुत     दिखाए  जाते  हैं
मगर  असली  वो  होते है
जो  निभाए   जाते  हैं

असल बात  तो है
दिलों  में  फासलों   की
अगर  फासला ना   हो दिलों  में
तो  मिलों  की  दूरियों  में  भी
दिल  पास  होता हैं
उनके  साथ  होने  का एहसास  होता  है
और  दिलों  में   फासले   हो तो
एक  कमरे  में  रहते  लोग
भी  अनजान  लगते   हैं

कई  बार  अपने वो  दर्द  देते  हैं
जो  लाइलाज  होता   है
आज  के  समय  में
तो  अपनों  से  झगड़ा  और
बेगानों  से  प्यार  होता  है


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