Sikandar ki seekh
सिकंदर की सीख
सिकंदर की मौत के बाद
लोग आज भी करते हैं उसे याद
क्यूंकि जाते जाते सिखा गया वो ज़िन्दगी का सार
कुछ भी नहीं जाएगा इस दुनिया के पार
हकीमों ने उठाया उसके जनाज़े का भार
सिखाया दुनिया को
हकीम बस कर सकता उपचार
ईशवर के हाथ में जीवन की तार
ईशवर के हाथ में जीवन की तार
दुनिया जीतने वाला सिकंदर कुछ नहीं ले जा सका साथ
यही बताने को उसने लटकवाए बाहर अपने हाथ
यही बताने को उसने लटकवाए बाहर अपने हाथ
कब्रिस्तान तक का रास्ता हीरों से सजाया गया
समझाया सारा राज और धन ,यही रह गया
धन दौलत की बात भी छोड़ दो
इस तन तक का मोह तोड़ दो
साथ लेकर आए थे जिसको
वो भी साथ ना जाएगा
दब जाएगा , जल जाएगा
तू अकेला जाएगा
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