waqt
वक़्त
कौन दुनिया में सब सीखकर आता है
वक़्त ही सब सिखाता है
स्कूल तो इम्तेहान पास कराता है
ज़िन्दगी जीना ,वक़्त सीखाता है
पहले माँ जिसे अक्षर अक्षर सिखाती है
वही बड़ा होकर कड़वी कड़वी सुनाता है
वक़्त सब कुछ सिखाता है
एक लड़की जो माँ की लाडली होती है
ससुराल में हर काम का बोझ का ढोती है
जिसकी एक छींक पर जमा होते थे डॉक्टर
आज उसके हाथो के छाले बिना मलहम ठीक होते है
वक़्त सब कुछ सिखाता है
एक बाप जिसकी कल सब थे सुनते
बूढ़ाह गया , तो सब बहाने हैं बुनते
वक़्त सब कुछ सिखाता है
वक़्त ही बिगाड़ता और बनाता है
वक़्त का मारा कहाँ बच पाता है
वक़्त से डरना ,मेरे दोस्त
बुरा वक़्त कभी पूछकर नहीं आता है
कौन दुनिया में सब सीखकर आता है
वक़्त ही सब सिखाता है
स्कूल तो इम्तेहान पास कराता है
ज़िन्दगी जीना ,वक़्त सीखाता है
पहले माँ जिसे अक्षर अक्षर सिखाती है
वही बड़ा होकर कड़वी कड़वी सुनाता है
वक़्त सब कुछ सिखाता है
एक लड़की जो माँ की लाडली होती है
ससुराल में हर काम का बोझ का ढोती है
जिसकी एक छींक पर जमा होते थे डॉक्टर
आज उसके हाथो के छाले बिना मलहम ठीक होते है
वक़्त सब कुछ सिखाता है
एक बाप जिसकी कल सब थे सुनते
बूढ़ाह गया , तो सब बहाने हैं बुनते
वक़्त सब कुछ सिखाता है
वक़्त ही बिगाड़ता और बनाता है
वक़्त का मारा कहाँ बच पाता है
वक़्त से डरना ,मेरे दोस्त
बुरा वक़्त कभी पूछकर नहीं आता है
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