dil ne kaha

 दिल ने कहा

ये  क्यों किया ,माँ  ने कहा
वो क्यों किया , पा  ने कहा
ये क्यों किया, भाई ने कहा
वो क्यों किया, ताई  ने कहा

दिल ने कहा ,
क्या तुमने कुछ किया ?
जो मैंने  कहा
इसका कहा ,उसका कहा
सब याद रहा ,
मेरा कहा सब भूल गई
माना  रिश्ता उनसे था करीब का
मगर मुझसे क्यों दूर हो गई

जीवन में खुश  जो ना रहोगी
किसी और को खुशी क्या दोगी
दुनिया में कामयाब हो भी गई  तो
मन का सुकून कहां पाओगी


दूसरे से प्यार जो मांगती हो
 खुद से  भी प्यार करो   कभी

दुनिया  की नज़र  में उठने से पहले
खुद की नज़र में उठो अभी

दुनिया की फितरत रहेगी  कमियां  गिनने की
 रखो हिम्मत ना थमने की
इतने गुण  है तुम में 
जितने तुम नहीं जानती हो
कमियों को इतना देखती हो
कि  अपनी शक्ति को  नहीं पहचानती हो
दीपाली कहे , आज वक़्त आ गया है
दिल की सुनने का
सब कुछ भूलकर  नई मंजिले  बुनने का


Comments

  1. लाज़वाब अभिव्यक्ति।

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  2. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति👏👏

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  3. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति👏👏

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